अक्सर लोग परीक्षा में दो-चार बार फेल होने के बाद हिम्मत हार जाते हैं और प्रतियोगी परीक्षा देना ही बंद कर देते हैं। .
लेकिन धैर्य और लगन के साथ लगातार मेहनत करते रहने वाले व्यक्ति अंत में सफल हो ही जाते हैं। .
इसी बात को चरितार्थ कर दिखाया आदित्य ने, जो 30 बार प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद भी धैर्य और लगन के साथ मेहनत करते हुए आईपीएस अधिकारी बना। .
आदित्य ने 5 साल में सिविल सेवा सहित 30 अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभागी के तौर पर भाग लिया। .
लेकिन वे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल रहे लेकिन उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया और लगातार मेहनत करते रहे। .
आखिरकार धैर्य और लगातार मेहनत करने से यूपीएससी के चौथे प्रयास में सन 2018 में 630वी ऑल इंडिया रैंक प्राप्त कर आईपीएस अधिकारी बने।
आदित्य अपनी तैयारी में दिन में 15 से 20 घंटे देते थे तब भी उन्हें अनेकों बार असफलता हाथ लगी। .
लेकिन धैर्य और लगातार कठोर मेहनत करते हुए नई रणनीति अपनाकर उन्होंने सन 2018 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईपीएस अधिकारी बने। .
आईपीएस आदित्य का जीवन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सैकड़ों प्रतिभागियों के लिए उत्तम उदाहरण है। .