इस अभियान के लिए तीन भारतीय वायु सैनिकों की एस्ट्रोनॉट्स ट्रेनिंग बेंगलुरु में चल रही है। गगनयान 3 दिन अंतरिक्ष में रहेगा।
अंतरिक्ष में रहने के दौरान एस्ट्रोनॉट्स खाएंगे, पिएंगे सोएंगे और टॉयलेट भी जाएंगे। लेकिन क्या आपने सोचा है कि वे टॉयलेट कैसे जाएंगे।
इसरो ने गगनयान के लिए टॉयलेट तैयार किया है जो नासा के स्पेस स्टेशन के टॉयलेट से कम नहीं है। .
इसरो ने इसे ‘वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम’ नाम दिया है। बिना किसी परेशानी की इसी टॉयलेट में गगनयान के एस्ट्रोनॉट्स टॉयलेट करेंगे।
गगनयान के टॉयलेट में सैक्शन ट्यूब होगी जिसके ऊपर एक कॉन लगा है, जो पेशाब के लिए काम आयेगी। .
गगनयान की टॉयलेट में एक सफेद रंग की सीट है जिसमें छेद बना है। इस छेद का उपयोग पोट्टी के लिए किया जाएगा।
किसी भी एस्ट्रोनॉट्स के लिए अंतरिक्ष में सुसु और पॉटी करना आसान काम नहीं है। .
अगर आपके शरीर से फोर्स के साथ मल निकला तो आप रूम में ऊपर की और उड़ सकते हैं। .
अगर आपके शरीर से फोर्स के साथ मल निकला तो आप रूम में ऊपर की और उड़ सकते हैं। .
अगर एस्ट्रोनॉट्स ऐसा नहीं करेगा तो इधर मल निकला और उधर स्ट्रोनॉट्स जीरो ग्रेविटी में तैरने लगेगा। .