लेकिन क्या आप जानते है कि प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा क्यो फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। .
प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह सवाल अवश्य आता होगा कि आखिर लाल किले पर ही तिरंगा क्यों फहराया जाता है। .
क्या आप मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर की रहने वाली तपस्या परिहार की आईएएस बनने की स्टोरी जानते हैं। .
अर्थात स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने के लिए लाल किले को ही क्यों चुना गया। .
लाल किले को स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराने का स्थान चुनने के लिए कोई लिखित में दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। .
लेकिन ऐसे कई कारण है जिससे लाल किले पर झंडा फहराने की परंपरा बन गई है। कुछ लोगों का मानना है कि लाल किला सत्ता का केंद्र रहा है।
जब भी आक्रमणकारियों ने दिल्ली पर आक्रमण किए तो लाल किला आक्रमण का प्रमुख केंद्र रहा था। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र भी लाल किला रहा था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी 1940 में बहादुर शाह जफर की समाधि पर रंगून जाकर श्रद्धांजलि दी और दिल्ली चलो का नारा दिया था। .
जवाहरलाल नेहरू ने भी 1947 में देश आजाद होने पर पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था और उसी की प्राचीर से देश को संबोधित किया था।
अर्थात तब की सरकार ने भी लाल किले को सत्ता का केंद्र माना था। तब से यह परंपरा आज तक चली आ रही है। .