आमतौर पर शकुनी, जयचंद, जुमलाजीवी, दलाल, चिलम लेना, सांड और अंट संट जैसे शब्दों को असंसदीय अर्थात है मर्यादित माना गया है।
उपरोक्त वर्णित शब्दों का प्रयोग संसद के किसी भी सदन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। .
इसी तरह तुर्रम खान शब्द का इस्तेमाल भी संसद में नहीं किया जा सकता है। .
अक्सर लोग एक दूसरे से बहस करते समय कहते हैं कि बड़ा तुर्रम खां बनता फिरता है। .
तुर्रम खां हैदराबाद की तरफ से अट्ठारह सौ सत्तावन की है क्रांति में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने वाला व्यक्ति था। .
1857 के संग्राम में उसने 6000 लोगों को इकट्ठा कर ब्रिटिश रेजिडेंसी पर हमला किया था। .
तुर्रम खान का असली नाम तुर्रेबाज खान था जो 1857 में अंग्रेजों से बड़ी साहस के साथ लड़ा था। .
उसके सास को देखते हुए ही अक्सर का होत के रूप में कहा जाता है कि बड़ा तुर्रम खां बन रहा है। .